ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/
किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/
कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/
सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/
मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/
उसी की जनवरी है/ उसी का अगस्त है।
-बाबा नागार्जुन
पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/
किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/
कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/
सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/
मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/
उसी की जनवरी है/ उसी का अगस्त है।
-बाबा नागार्जुन
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